छाती में अचानक उठने वाला दर्द किसी के लिए भी डराने वाला अनुभव हो सकता है. अक्सर लोग इसे गैस या अपच समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन क्या पता वो दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक हो? गैस और हार्ट अटैक दोनों में छाती में तकलीफ महसूस होती है, लेकिन इनके लक्षणों में बहुत कम ही अंतर होते हैं, जिन्हें समझना बहुत जरूरी है. एक छोटी सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है.
जब पेट में गैस बनती है, तो वह डायाफ्राम और छाती की मसल्स पर दबाव डालती है, जिससे दर्द महसूस होता है. यह दर्द आमतौर पर भोजन के बाद होता है, हल्का जलन जैसा महसूस हो सकता है और करवट बदलने या डकार लेने से आराम मिल जाता है.
गैस के लक्षण
पेट फूलना या भारीपन
डकार या उल्टी जैसा मन
छाती में जलन या खिंचाव
दर्द का हल्का होना और धीरे-धीरे कम होना
हार्ट अटैक
हार्ट अटैक में दिल तक खून की आपूर्ति रुक जाती है, जिससे दिल की मसल्स को नुकसान होता है. यह एक इमरजेंसी सिचुएशन होती है और तुरंत मेडिकल हेल्प जरूरी होती है.
हार्ट अटैक के लक्षण
छाती के बीचोंबीच दबाव, कसाव या जकड़न
दर्द जो बांह, जबड़े, पीठ या गर्दन तक फैले
ठंडा पसीना, चक्कर आना या सांस फूलना
उलझन, घबराहट या बेचैनी
यह दर्द आराम करने पर भी बना रहता है
कैसे करें फर्क?
गैस का दर्द आमतौर पर भोजन या पाचन से जुड़ा होता है, जबकि हार्ट अटैक का दर्द अचानक आता है और अधिक गंभीर होता है. गैस में हिलने-डुलने या पोजिशन बदलने से आराम मिलता है, हार्ट अटैक में नहीं. यदि दर्द 10 मिनट से अधिक समय तक बना रहे, सांस लेने में दिक्कत हो या पसीना आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सावधानी रखें
यदि कभी भी संदेह हो कि यह दर्द गैस का है या दिल का, तो जोखिम न लें. तुरंत ईसीजी और अन्य टेस्ट कराएं. जान बचाने के लिए जल्दी पहचान और इलाज बेहद जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.